THOUGHT
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
सही समय पर, सही "पोज़िशन" नहीं ले पाना "अपोज़िशम" की सबसे बड़ी
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
कविता तो कैमरे से भी की जाती है, पर विरले छायाकार ही यह हुनर
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
23/55.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए,
अहसास से नम नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
कविता: माँ मुझको किताब मंगा दो, मैं भी पढ़ने जाऊंगा।
*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)