2541.पूर्णिका
2541.पूर्णिका
🌹नुक्ताचीनी छोड़ो यहाँ 🌹
1222 2212
नुक्ताचीनी छोड़ो यहाँ ।
बनेगा मन मोड़ो यहाँ ।।
मजा करती ये जिंदगी ।
नये नाता जोड़ो यहाँ ।।
कभी चुभते कुछ फूल भी ।
खुशी का बम फोड़ो यहाँ ।।
रिवाज नहीं है बंदिशें
रस्में आकर तोड़ो यहाँ ।।
वफा करते खेदू सजन ।
मिले मंजिल दौड़ो यहाँ ।।
……✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
2-10-2023सोमवार