तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
आज हम सब करें शक्ति की साधना।
समाजों से सियासत तक पहुंची "नाता परम्परा।" आज इसके, कल उसके
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
sp 52 जो ब्रह्म कमंडल से निकली
Harmony's Messenger: Sauhard Shiromani Sant Shri Saurabh
दग़ा तुमसे जब कोई, तेरा हमख़्वाब करेगा
I Have No Desire To Be Found Again.
*देश का हिंदी दिवस, सबसे बड़ा त्यौहार है (गीत)*
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
आधार निर्माण का कार्य ईश्वर उसी व्यक्ति को देते हैं, जिसका