🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
"इंसान, इंसान में भगवान् ढूंढ रहे हैं ll
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
माँ और बेटी.. दोनों एक ही आबो हवा में सींचे गए पौधे होते हैं
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
पूछ मत प्रेम की,क्या अजब रीत है ?