बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
बस यूं ही..
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अंधभक्तो को जितना पेलना है पेल लो,
sp71 अपनी भी किस्मत क्या कहिए
रज चरण की ही बहुत है राजयोगी मत बनाओ।
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
किसी ने तो चांद को रुलाया होगा, किसे अब चांदनी से मुहब्बत न
तूने मुझे भुला तो कबका दिया था, तूने बताया तब जब कोई और मिला
लिखना पूर्ण विकास नहीं है बल्कि आप के बारे में दूसरे द्वारा