ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
गुनाह लगता है किसी और को देखना
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैं औपचारिक हूं,वास्तविकता नहीं हूं
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
ज़िंदगी जी तो लगा बहुत अच्छा है,
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
किसी के टुकड़े पर पलने से अच्छा है खुद की ठोकरें खाईं जाए।
श्याम बाबा भजन अरविंद भारद्वाज
वित्त मंत्री, बज़ट, टेबलेट, क़ाफ़िला, गाड़ी और साड़ी। सब पर मीडिय
बुझी नहीं है आज तक, आजादी की आग ।
कैसे निभाऍं उस से, कैसे करें गुज़ारा।