2493.पूर्णिका
2493.पूर्णिका
बेहया है जमाना यहाँ
212 212 212
बेहया है जमाना यहाँ ।
कुछ नहीं जताना यहाँ ।।
जिंदगी लूटती जिंदगी।
मौत क्या बताना यहाँ ।।
पास है फेल है आदमी।
रोज ही सर खपाना यहाँ ।।
चोट खा फूल की तरह अब ।
सीख ले दर्द मिटाना यहाँ ।।
राज खेदू सभी जानते ।
चंद परदा हटाना यहाँ ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-9-2023सोमवार