फिसलती रही रेत सी यह जवानी
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
तमस अमावस का घिरा, रूठा उजला पाख।
चौकड़िया छंद / ईसुरी छंद , विधान उदाहरण सहित , व छंद से सृजित विधाएं
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
वो अगर चाहे तो आगे भी निकल जाऊँगा
जमी से आसमा तक तेरी छांव रहे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
बुंदेली दोहा-बखेड़ा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है,
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
"शाम-सवेरे मंदिर जाना, दीप जला शीश झुकाना।
इंसान तो मैं भी हूं लेकिन मेरे व्यवहार और सस्कार
अगर दिल में प्रीत तो भगवान मिल जाए।
10 Habits of Mentally Strong People
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
मीर की ग़ज़ल हूँ मैं, गालिब की हूँ बयार भी ,
मिथ्याक भंवर मे फँसि -फँसि केँ
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "