2475.पूर्णिका
2475.पूर्णिका
🌹तेरा सिर हिलाना अच्छा लगा 🌹
22 212 212 12
तेरा सिर हिलाना अच्छा लगा ।
दिल से दिल मिलाना अच्छा लगा ।।
तकदीरें जहाँ बदलती जमीं ।
साथ यहाँ निभाना अच्छा लगा ।।
बगियां प्यार की महकती गजब ।
कलियाँ ये खिलाना अच्छा लगा ।।
जीवन में लोग आते रहे जरा ।
यूं रोज मुस्कुराना अच्छा लगा ।।
दुनिया आज खेदू नयी नयी ।
मीत जवाँ तराना अच्छा लगा ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
13-9-2023बुधवार