2466.पूर्णिका
2466.पूर्णिका
🌹जाना पहचाना लगता है ⚘
22 22 22 22
जाना पहचाना लगता है ।
अंदाज पुराना लगता है ।।
बदले मौसम रोज नजारा।
ये प्यार सुहाना लगता है ।।
अरमान जगे दिल में अपना ।
यूँ ख्वाब मस्ताना लगता है ।।
करते हद पार यहाँ चाहत ।
नादां परवाना लगता है ।।
चूमे दामन मंजिल खेदू ।
अब साथ जमाना लगता है ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
7-9-2023गुरुवार