2455.पूर्णिका
2455.पूर्णिका
🌹प्यार का धागा जिसने भी बांधा🌹
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प्यार का धागा जिसने भी बांधा ।
जिंदगी में आती न कभी बाधा।।
बंध जाते मन से मन का बंधन।
सच रिश्ता ये जैसे थे कृष्ण राधा ।।
साथ रहती हरदम दुनिया प्यारी ।
यूं निशाना जिसने अपना साधा ।।
भेदते है चक्रव्यूह बने अभिमन्यु ।
देख किसका पूरा किसका आधा ।।
मस्त पवन भी धरती अंबर खेदू।
अंत समय यहाँ सब देते कांधा ।।
……………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
30-8-2023बुधवार
(रक्षाबंधन पर्व)