ब्रेकअप तो सिर्फ अफेयर में होते है
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग..... मिलन की चाह
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
अगर मैं तमाचा जड़ दूं किसी के अहम पर तो हंगामा ही तो होगा।।
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
మగువ ఓ మగువా నీకు లేదా ఓ చేరువ..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
इतनी नाराज़ हूं तुमसे मैं अब
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
सूरज
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
*सास और बहू के बदलते तेवर (हास्य व्यंग्य)*
ख़ैर कुछ और दिन लगेंगे तुमसे कुछ कहने को,