सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
जीवन का प्रथम प्रेम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
It’s all be worthless if you lose your people on the way..
सारी दुनिया में सबसे बड़ा सामूहिक स्नान है
" हो सके तो किसी के दामन पर दाग न लगाना ;
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन