जिस की दुराग्रही खोपड़ी में बदले की विष-बेल लहलहा रही हो, वहा
*स्वदेशी या विदेशी*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
आज का पुरुष औरतों को समान अधिकार देने की बात कहता है, बस उसे
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
राख के धुंए में छिपा सपना
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
*जिंदगी-नौका बिना पतवार है ( हिंदी गजल/गीतिका )*
बदला रंग पुराने पैरहन ने ...
जिंदगी भी रेत का सच रहतीं हैं।
आया, आया है, बाल दिवस आया है
हम बात अपनी सादगी से ही रखें ,शालीनता और शिष्टता कलम में हम
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है