*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
एक कथित रंग के चादर में लिपटे लोकतंत्र से जीवंत समाज की कल्प
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"बुलंद इरादों से लिखी जाती है दास्ताँ ,
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
हम तो बस कहते रहे, अपने दिल की बात।
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
'प्रहरी' बढ़ता दंभ है, जितना बढ़ता नोट
चलो कल चाय पर मुलाक़ात कर लेंगे,
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
क्या गुजरती होगी उस दिल पर
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
तू अपने दिल का गुबार कहता है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)