24/229. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/229. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 *होगे बरबादी *🌷
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होगे बरबादी ।
मिलगे आजादी।।
मनखे भूख मरे।
बढ़गे आबादी।।
जिनगी नरक जिहां ।
सोना का चांदी।।
अंतस मा पीरा ।
कोन लुही कांदी।।
बांट मया खेदू।
खावत रा मांदी।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-01-2024बुधवार