Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज

उपयोग करके फेंको वो पैजा़र मैं नहीं
ये बात याद रखना कि बेकार मैं नहीं

खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
और भाव भी लगाने का हक़दार मैं नहीं

हर क़तरा मेरे ख़ून का आए वतन के काम
इससे ज़ियादा का तो तलबगार मैं नहीं

सबसे अज़ीज़ है तू दिल-ओ-जान वार दूँ
जब चाहे आज़मा ले अदाकार मैं नहीं

हर एक फ़ैसला मेरा पत्थर की है लकीर
झुक जाऊँ तेरे शोर से सरकार मैं नहीं

मेरे क़लम से आते हैं दुनिया में इंक़िलाब
साहित्य का सिपाही हूँ तलवार मैं नहीं

~ अजय कुमार ‘विमल’

Language: Hindi
1 Like · 242 Views

You may also like these posts

एक झलक मिलती
एक झलक मिलती
Mahender Singh
NEW88bet
NEW88bet
new88betus1
21-- 🌸 और वह? 🌸
21-- 🌸 और वह? 🌸
Mahima shukla
জয় শিব শঙ্কর (শিবের গান)
জয় শিব শঙ্কর (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
ख्यालों के महफ़िलों में एक सपना देखा था,
ख्यालों के महफ़िलों में एक सपना देखा था,
Chaahat
"पिंजरा खूबसूरती का"
ओसमणी साहू 'ओश'
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जब बनना था राम तुम्हे
जब बनना था राम तुम्हे
ललकार भारद्वाज
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
राज्यतिलक तैयारी
राज्यतिलक तैयारी
Neeraj Mishra " नीर "
काला पानी
काला पानी
Shankar N aanjna
कहाँ लोग सुनेला
कहाँ लोग सुनेला
आकाश महेशपुरी
रोटी
रोटी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शेर
शेर
Phool gufran
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
Abhishek Soni
गाँधी के उपदेश को, कब समझेंगे लोग ।
गाँधी के उपदेश को, कब समझेंगे लोग ।
sushil sarna
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
विकास सैनी The Poet
मैं क्या हूं?
मैं क्या हूं?
Priya Maithil
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
gurudeenverma198
गिरता है धीरे धीरे इंसान
गिरता है धीरे धीरे इंसान
Sanjay ' शून्य'
तैराक हम गहरे पानी के,
तैराक हम गहरे पानी के,
Aruna Dogra Sharma
झील सी तेरी आंखें
झील सी तेरी आंखें
Sushma Singh
क्या भरोसा किया जाए जमाने पर
क्या भरोसा किया जाए जमाने पर
अरशद रसूल बदायूंनी
दिवाली है दीपों का पर्व ,
दिवाली है दीपों का पर्व ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
एक पल को न सुकून है दिल को।
एक पल को न सुकून है दिल को।
Taj Mohammad
ये दिलकश नज़ारा बदल न जाए कहीं
ये दिलकश नज़ारा बदल न जाए कहीं
Jyoti Roshni
Loading...