Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2023 · 1 min read

24 के लिए

24 के लिए
23 की बैठक में
15 दलों के 32 नेता।
आपस में 36 का आंकड़ा।
दो में हुई 3/5
दो हुए 9/2/11
【सियासी अंकगणित】

■प्रणय प्रभात■

1 Like · 293 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
निज कर्तव्य निभाना है
निज कर्तव्य निभाना है
Sunil Suman
एक तरफ मां के नाम पर,
एक तरफ मां के नाम पर,
नेताम आर सी
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
किसान मजदूर होते जा रहे हैं।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
सपनों के पंख
सपनों के पंख
Sunil Maheshwari
फूल
फूल
Neeraj Agarwal
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
... बीते लम्हे
... बीते लम्हे
Naushaba Suriya
" ख्वाबों का सफर "
Pushpraj Anant
उड़ान
उड़ान
MEENU SHARMA
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
*भारत भूषण जैन की सद्विचार डायरी*
*भारत भूषण जैन की सद्विचार डायरी*
Ravi Prakash
दिलकश
दिलकश
Vandna Thakur
विरह रस
विरह रस
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
4911.*पूर्णिका*
4911.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संविधान शिल्पी बाबा साहब शोध लेख
संविधान शिल्पी बाबा साहब शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
*सत्य ,प्रेम, करुणा,के प्रतीक अग्निपथ योद्धा,
Shashi kala vyas
किस्तों में सोया है हमने
किस्तों में सोया है हमने
Diwakar Mahto
कौन???
कौन???
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"काश"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं मजबूर हूँ
मैं मजबूर हूँ
सोनू हंस
रिश्तों को निभा
रिश्तों को निभा
Dr fauzia Naseem shad
कठिन काल का काल है,
कठिन काल का काल है,
sushil sarna
मुखौटा!
मुखौटा!
कविता झा ‘गीत’
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
जबसे हम चार पैसे कमाने लगे हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...