2391.पूर्णिका
2391.पूर्णिका
🌷अपना कोई मिल गया 🌷
22 22 212
अपना कोई मिल गया ।
मन ये मेरा खिल गया ।।
बिखरे मोहक रंग भी ।
सुंदर जग यूं मिल गया ।।
खेल तमाशा देखते ।
राज खुशी का मिल गया ।।
दुनिया है अपनी नयी ।
प्यारा जीवन मिल गया ।।
प्रेम कथा खेदू कहे ।
पथ जीने का मिल गया ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
11-7-2023मंगलवार