2323.पूर्णिका
2323.पूर्णिका
उठने लगे सवाल तो हम क्या करें
2212 1212 2212
उठने लगे सवाल तो हम क्या करें ।
मचने लगे बवाल तो हम क्या करें ।।
बस महकते रहे यहाँ ये जिंदगी ।
होने लगे धमाल तो हम क्या करें ।।
मिलती कहाँ खुशी नहीं कब चमन में।
जब ना खिले गुलाब तो हम क्या करें ।।
कहते हमें भले-बुरे दुनिया चले ।
करने लगे हलाल तो हम क्या करें ।।
मंजिल मिले रखे कदम खेदू कहे।
दिल में न हो मलाल तो क्या करें ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
27-5-2023शनिवार