2310.पूर्णिका
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2310.पूर्णिका
🌹नाराज है कोई मुझसे 🌹
2212 22 22
नाराज है कोई मुझसे ।
बेताज है कोई मुझसे ।।
यूं जिंदगी भर ना रुठे ।
बस नाज है कोई मुझसे।।
सब बोलती है बंद यहाँ ।
आवाज है कोई मुझसे।।
अरमान भी रखते जिंदा ।
सच आज है कोई मुझसे।।
वादा नहीं करते खेदू।
सरताज है कोई मुझसे ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
16-5-2023मंगलवार