23/96.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
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23/96.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷पइसा के बुखार होथे🌷
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पइसा के बुखार होथे।
जिनगी के सुधार होथे।।
सबला बस मिले खुसी हा।
दुनिया के गुहार होथे।।
पीरित के बंधना जइसने।
देखव लव कुमार होथे।।
सुरता के बिछाय कथरी ।
हिरदे के पुकार होथे ।।
बनथे सुघ्घर मन खेदू ।।
समझे के बिचार होथे ।।
…………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-10-2023रविवार