23/74.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/74.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷मोर मया ला नई जानय 🌷
22 22 1222
मोर मया ला नई जानय।
बात सुघ्घर तै नई जानय।।
महकत रहिथे इहां बगियां।
अंतस मा का नई जानय।।
दुख अउ पीरा रथे सबला।
सिसकत हिरदे नई जानय।।
चमके चंदा सुरुज इहां ।
रतिहा करियर नई जानय।।
टूटय खेदू भरोसा झन ।
दुनिया येला नई जानय।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-10-2023बुधवार