23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷कतिक इहां रोबे तै 🌷
22 22 22
कतिक इहां रोबे तै।
का बीजा बोबे तै।।
खावत पीयत संगी।
जिनगी भर सोबे तै।।
मस्त रा रोज बियस्त रा।
पाबे का खोबे तै।।
सोच बदल आगू बढ़ ।
मन बैरी धोबे तै।।
दुनिया रंगे खेदू।
बोझा का ढोबे तै।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-10-2023बुधवार