Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2023 · 1 min read

23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/73.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷कतिक इहां रोबे तै 🌷
22 22 22
कतिक इहां रोबे तै।
का बीजा बोबे तै।।
खावत पीयत संगी।
जिनगी भर सोबे तै।।
मस्त रा रोज बियस्त रा।
पाबे का खोबे तै।।
सोच बदल आगू बढ़ ।
मन बैरी धोबे तै।।
दुनिया रंगे खेदू।
बोझा का ढोबे तै।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-10-2023बुधवार

268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़ी दूर तक याद आते हैं,
बड़ी दूर तक याद आते हैं,
शेखर सिंह
बुंदेली दोहे- रमतूला
बुंदेली दोहे- रमतूला
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टेढ़ी-मेढ़ी बातें
टेढ़ी-मेढ़ी बातें
Surya Barman
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
बाल कहानी विशेषांक
बाल कहानी विशेषांक
Harminder Kaur
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चुप बैठे रहने से मसले, हल कभी नहीं हो पाते हैं (राधेश्यामी
*चुप बैठे रहने से मसले, हल कभी नहीं हो पाते हैं (राधेश्यामी
Ravi Prakash
🙅आज का आभास🙅
🙅आज का आभास🙅
*प्रणय*
कवि मोशाय।
कवि मोशाय।
Neelam Sharma
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
Otteri Selvakumar
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
Sanjay ' शून्य'
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कविता
कविता
Dr.Priya Soni Khare
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
देख कर
देख कर
Santosh Shrivastava
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
हुनर का ग़र समंदर है..!
हुनर का ग़र समंदर है..!
पंकज परिंदा
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
काजल में उसकी काली रातें छुपी हैं,
काजल में उसकी काली रातें छुपी हैं,
Kanchan Alok Malu
कुछ और शेर
कुछ और शेर
Shashi Mahajan
बहुत
बहुत
sushil sarna
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
उम्र गुजर जाती है
उम्र गुजर जाती है
Chitra Bisht
पराक्रम दिवस
पराक्रम दिवस
Bodhisatva kastooriya
3142.*पूर्णिका*
3142.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" वोट "
Dr. Kishan tandon kranti
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
वो तेरी पहली नज़र
वो तेरी पहली नज़र
Yash Tanha Shayar Hu
Loading...