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23 Jun 2021 · 19 min read

स्वास्थ्य विषयक कुंडलियाँ

77 कुंडलियाँ महामारी-स्वास्थ्य संबंधी
[4/2/2020, 3:07 PM] Ravi Prakash:
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ध्यानावस्थित लोग(कुंडलिया)
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उगता सूरज सामने , ध्यानावस्थित लोग
साँसें प्राणायाम से , मिटते सारे रोग
मिटते सारे रोग , नए अनुभव नित होते
चलती ज्यों पतवार , ध्यान में ऐसे खोते
कहते रवि कविराय , हंस मोती को चुगता
जिनके हैं सद्भाग्य , देखते सूरज उगता
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 61 5451
[4/2/2020, 8:48 PM] Ravi Prakash: दही (कुंडलिया)
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खाते जो प्रतिदिन दही, देखो उनकी शान
तन होता बूढ़ा नहीं , रहता सदा जवान
रहता सदा जवान , पचा करता है खाना
ठंडा रहे दिमाग , नहीं गुस्से का आना
कहते रवि कविराय , मुक्ति रोगों से पाते
दही कटोरी एक , रोज सज्जन जो खाते
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451
[10/2/2020, 11:40 AM] Ravi Prakash: मशहूर लोग( कुंडलिया )
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
मरघट तक पहुँचा रहे , केवल रिश्तेदार
कहाँ प्रशंसक पूछते , कैसे हैं बीमार
कैसे हैं बीमार , रोज मर – मर कर जीते
कहने को मशहूर , किंतु भीतर से रीते
कहते रवि कविराय,न हो अपनों से खटपट
संबंधी बस चार , देख लो जाते मरघट
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451
[10/2/2020, 12:27 PM] Ravi Prakash: सिर्फ नमस्ते (कुंडलिया)
?????????
सिर्फ नमस्ते कीजिए,हाथ मिलाना छोड़
बीमारी फैले नहीं , रस्ता यह बेजोड़
रस्ता यह बेजोड़ , रखें दो फिट की दूरी
हो जाएगा काम , कामना शुभ-शुभ पूरी
कहते रवि कविराय , आप छूटेंगे सस्ते
मिलिए गले न हाथ,कीजिए सिर्फ नमस्ते
?????????
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615451
[11/2/2020, 7:37 PM] Ravi Prakash: जीवन का मतलब (कुंडलिया)
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मतलब जीवन का कहो, ज्यों क्रिकेट का मैच
कोई शतक बना रहा ,कुछ जीरो पर कैच
कुछ जीरो पर. कैच , खेल दिखलाकर जाते
दो पल की तारीफ , शान अपनी बिखराते
कहते रवि कविराय ,अर्थ क्या पद का धन का
क्या प्रसिद्ध गुमनाम ,नहीं मतलब जीवन का
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9 99761 5451
[11/2/2020, 7:44 PM] Ravi Prakash: यह शतरंजी खेल (कुंडलिया )
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ज्यादा सबसे वे दुखी , तन को ढोते लोग
तन जिनका बीमार है , तन को सौ-सौ रोग
तन को सौ-सौ रोग, मरण की आशा करते
अभी खिंचेगा और , सोचकर जीवन डरते
कहते रवि कविराय , आदमी होता प्यादा
यह शतरंजी खेल , नहीं चलता है ज्यादा
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
[18/2/2020, 12:05 PM] Ravi Prakash: जाती सर्दी (कुंडलिया)
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जाती सर्दी का करो , हर्गिज मत उपहास
सत्ता से उतरी हुई , फिर भी रुतबा खास
फिर भी रुतबा खास, रौब अपना दिखलाती
रस्सी तो जल गई ,मगर बल फिर भी खाती
कहते रवि कविराय , लौटकर लगता आती
थोड़ा गुस्सा शान , शीत दिखला कर जाती
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[20/2/2020, 6:53 PM] Ravi Prakash: कुदरत का वरदान (कुंडलिया)

झीलें झरने घाटियाँ , नदियाँ और पहाड़
इनमें आना चाहिए , हर्गिज नहीं बिगाड़
हर्गिज नहीं बिगाड़ , नेह से लाड़ लड़़ाएँ
इनसे लें आशीष , हर्ष से भर – भर जाएँ
कहते रवि कविराय,देखकर इनको जी लें
कुदरत का वरदान , रूप का सागर झीलें
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615 451
[3/3/2020, 10:32 PM] Ravi Prakash: कोरोना फैला हुआ (कुंडलिया)
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कोरोना फैला हुआ , देखो चारों ओर
भारत में भी आ चुका , जैसे आता चोर
जैसे आता चोर , देश में दस्तक आई
खतरे की यह बात , जान पर आफत छाई
कहते रवि कविराय , हाथ को हरदम धोना
ठीक नमस्ते रीति , दूर होगा कोरोना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[4/3/2020, 7:41 AM] Ravi Prakash: कोरोना और होली मिलाप (हास्य कुंडलिया)
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होली पर होगा नहीं , क्या इस बार मिलाप
कोरोना का चल रहा , चारों और विलाप
चारों ओर विलाप , गले मिलने में मुश्किल
फैलेगा फिर रोग ,भीड़ दिक्कत है महफिल
कहते रवि कविराय ,मिलो पर करो ठिठोली
दो फिट रहिए दूर ,आज की कहती होली
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451
[11/3/2020, 4:06 PM] Ravi Prakash: खाँसी और जुकाम (कुंडलिया)
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फैला चारों ओर है , खाँसी और जुकाम
इसका मतलब यह नहीं ,कोरोना है आम
कोरोना है आम , बुखार नहीं कोरोना
घबराने की बात , नहीं चिंता में खोना
कहते रवि कविराय , भरा बातों का थैला
बातूनी .हम लोग , रोग बातों से फैला
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
[11/3/2020, 4:06 PM] Ravi Prakash: कोरोना (हास्य कुंडलिया)
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रखना मुँह पर हाथ मत , खाँसो भले अपार
हाथ मिलाओ या गले , मिलकर करना वार
मिलकर करना वार , रोग कुछ देकर जाओ
खुद तो हो बीमार , अन्य दो – चार बनाओ
कहते रवि कविराय , स्वाद कोरोना चखना
यह चीनी सामान , ध्यान में ऊपर रखना
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615451
[12/3/2020, 4:13 PM] Ravi Prakash: संविधान दिवस : अगहन शुक्ला सात( कुंडलिया)
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अपनाया था देश ने , संविधान सौगात
दो हजार छह विक्रमी , अगहन शुक्ला सात
अगहन शुक्ला सात , देश की गौरव गाथा
विक्रम संवत शान , हिंद का ऊँचा माथा
कहते रवि कविराय , सुनो विक्रम था छाया
संविधान ने मार्ग , शीर्ष संवत अपनाया
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[13/3/2020, 10:49 AM] Ravi Prakash: कोरोना हर ओर( कुंडलिया )
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भारी बीमारी हुई , कोरोना हर ओर
जैसे सेंध लगा रहा , दुनिया भर में चोर
दुनिया भर में चोर , कहाँ रुकने में आई
आते – जाते लोग , हाथ छूना दुखदाई
कहते रवि कविराय ,जिंदगी इससे हारी
हल्के मत लें आप , महामारी यह भारी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[13/3/2020, 11:00 AM] Ravi Prakash: शुरू नमस्ते (कुंडलिया)
?????????
शुरू नमस्ते कर रहे , लंदन वाले लोग
कोरोना का वायरस , दुनिया भर में रोग
दुनिया भर में रोग , प्रिंस ने चलन चलाया
खींचा अपना हाथ , याद फिर भारत आया
कहते रवि कविराय , सभी हैं अब इस रस्ते
हाथ मिलाना छोड़ , विश्व में शुरू नमस्ते
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[13/3/2020, 4:28 PM] Ravi Prakash: महानगर बेकार (कुंडलिया )
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छोटे शहरों के मजे , महानगर बेकार
अमरीका में मच रहा , देखो हाहाकार
देखो हाहाकार , गली अब पतली भाती
कोरोना की छींट , चीन से यहाँ न आती
कहते रवि कविराय , मास्क के पड़ते टोटे
बड़े – बड़े भयभीत , बड़ों के दर्शन छोटे
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
[13/3/2020, 4:43 PM] Ravi Prakash: हाथ अब नहीं मिलाते (कुंडलिया)
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वैरागी नेता हुए , रहते है गुमनाम
भीड़ों में जाना नहीं , चमचों से निष्काम
चमचों से निष्काम , हाथ अब नहीं मिलाते
रिश्वत दो तो नहीं , पकड़कर रुपया खाते
कहते रवि कविराय ,चालपट्टी सब भागी
घर के अंदर बंद , शांत दिखते वैरागी
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा रामपुर ( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[14/3/2020, 10:55 AM] Ravi Prakash: छींक कुछ श्रोता लाए (हास्य कुंडलिया)
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आए कवि – सम्मेलनी, बोरिंग कवि भरपूर
बैठे थे सब पास में , लेकिन छह फिट दूर
लेकिन छह फिट दूर , सभी श्रोता उकताए
हूटिंग से पर नहीं ,अडिग कवि जी हट पाए
कहते रवि कविराय , छींक कुछ श्रोता लाए
भागे कवि रण छोड़ , मंच पर नजर न आए
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451
[14/3/2020, 11:57 AM] Ravi Prakash: बराती बिन ज्यों शादी( कुंडलिया )
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शादी ऐसी कीजिए , बाजा बिना बरात
भीड़ नहीं जुटवाइए , चाहे दिन या रात
चाहे दिन या रात ,अगर कवि लोग बुलाएँ
सम्मेलन में रीति , आप यह नई चलाएँ
कहते रवि कविराय , बिना श्रोता-आबादी
कवि सम्मेलन करें , बराती बिन ज्यों शादी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[14/3/2020, 1:01 PM] Ravi Prakash: आयोजक मायूस (हास्य कुंडलिया)
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कोरोना ने कर दिया , कवि सम्मेलन भंग
आयोजक कहने लगे , जाओ अब बैरंग
जाओ अब बैरंग , हास्य कवि हँसकर बोले
नहीं टलेंगे बिना , आपका बटुआ खोले
कहते रवि कविराय , देय देकर फिर सोना
आयोजक मायूस , हाय निर्दय कोरोना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615451
[15/3/2020, 12:56 PM] Ravi Prakash: भूलकर करें न झाड़ा (कुंडलिया)
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झाड़ा – फूँकी चल रही , कुछ गंडे ताबीज
बाबाजी बतला रहे , कोरोना क्या चीज
कोरोना क्या चीज ,फूँक से इसे उड़ाएँ
बाबा जी के पास , आप आ इसे झड़ाएँ
कहते रवि कविराय , देह यदि खाए जाड़ा
डॉक्टर की लें राय , भूलकर करें न झाड़ा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451
[16/3/2020, 3:22 PM] Ravi Prakash: कोरोना की मार (कुंडलिया)
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शादी पर भी पड़ गई , कोरोना की मार
पंडित जी के बिन हुए , फेरे मंत्रोच्चार
फेरे मंत्रोच्चार , बराती गायब पाए
समधी तक आ पास,गले मिलते कतराए
कहते रवि कविराय ,शर्त दंपति पर लादी
गौना में दो माह , आज है केवल शादी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[16/3/2020, 5:57 PM] Ravi Prakash: कोरोना से हँसी मजाक (कुंडलिया)
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कोरोना से कर रहे , कवि थे हँसी मजाक
बोले सुंदर चेहरा , सुगढ़ दीखती नाक
सुगढ़ दीखती नाक , वाह ! क्या मीठी बोली
तभी अचानक लाल , रौद्र कोरोना डोली
कहते रवि कविराय,शुरू कवि जी का रोना
बोले डरकर हाय , बचो आई कोरोना
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[17/3/2020, 10:34 AM] Ravi Prakash: कोरोना – संदेश( तीन कुंडलियाँ)
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( 1 )
एकाकी होकर रहो , सामाजिकता छोड़
घर के अंदर बंद हो , यही रोग का तोड़
यही रोग का तोड़ , आप मत हाथ मिलाएँ
नहीं सिनेमा हॉल , नहीं सम्मेलन जाएँ
कहते रवि कविराय , अभी कोरोना बाकी
जीतेंगे यह जंग , रहें हम यदि एकाकी
( 2 )
मिलना – जुलना बंद हो , गले लगाना हाथ
भीड़ों से बचकर रहें , चलें न इसके साथ
चलें न इसके साथ,अलग खुद को करवाएँ
घर के बाहर आप , छींकते नजर न आएँ
कहते रवि कविराय , फूल के जैसे खिलना
अगर न चाहें रोग , दूर हो सब से मिलना
( 3 )
छुट्टी बच्चों की हुई , बंद सिनेमा – हाल
घर में सब सिमटे हुए , बंदी जैसी चाल
बंदी जैसी चाल , बंद सम्मेलन सारे
नहीं मिलाते हाथ , लोग अब डर के मारे
कहते रवि कविराय , सभी की सबसे कुट्टी
कोरोना अभिशाप , देश दुनिया की छुट्टी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[17/3/2020, 11:02 AM] Ravi Prakash: रामपुर : चार अगस्त सन सैंतालिस (कुंडलिया)
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सन सैंतालिस की बुरी,तिथि अगस्त थी चार
शहर रामपुर जल उठा , रुदन था हर द्वार
रूदन था हर द्वार , जली तहसील पुरानी
कर्फ्यू मार्शल दौर , खून से लिखी कहानी
कहते रवि कविराय,गलतियाँ थीं जिस- जिसकी
बतलाता इतिहास , साल सन् सैंतालिस की
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[18/3/2020, 10:12 AM] Ravi Prakash: कोरोना – कर्फ्यू (कुंडलिया )
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कोरोना – कर्फ्यू लगा , घर में कैदी लोग
एक महामारी हुआ , दुनिया भर में रोग
दुनिया भर में रोग , आप तो मत फैलाएँ
बाहर से ले साथ , रोग घर में मत लाएँ
कहते रवि कविराय , देश दुनिया का रोना
घर में बैठें लोग , दूर होगा कोरोना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[18/3/2020, 11:34 PM] Ravi Prakash: बीमारी यह काल (कुंडलिया)
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किसने कब देखी भला ,बीमारी यह काल
कोरोना से हो रहा , सारा जग बेहाल
सारा जग बेहाल , मौत सड़कों पर छाई
क्या इटली ईरान , विश्व भर में यह आई
कहते रवि कविराय,शुरू की जाने किसने
दुनिया लापरवाह , फँसी है घुन-सी पिसने
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[19/3/2020, 11:13 AM] Ravi Prakash: मुश्किल दौर ( कुंडलिया )
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इतिहासों में कब दिखा,ऐसा मुश्किल दौर
दुनिया घर में कैद है ,करिएगा तो गौर
करिएगा तो गौर , वास एकांत जरूरी
कोरोना की माँग , नजरबंदी मजबूरी
कहते रवि कविराय,लोग कुछ ही मासों में
लापरवाह समाज , दिखेंगे इतिहासों में
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[19/3/2020, 12:00 PM] Ravi Prakash: छुट्टी का माहौल( कुंडलिया )
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दफ्तर की छुट्टी हुई , छुट्टी का माहौल
कोरोना का हो रहा , ऐसे घोर मखौल
ऐसे घोर मखौल , घूमते पिकनिक पाए
कुछ ने मारा टूर , घूम कर दुनिया आए
कहते रवि कविराय,लोग जो हैं घनचक्कर
समझे कब यह स्कूल ,बंद क्यों सारे दफ्तर
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 999 7615 451
[19/3/2020, 8:37 PM] Ravi Prakash: जनता कर्फ्यू (कुंडलिया)
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जनता – कर्फ्यू चाहिए , बाइस मार्च विशेष
घर के भीतर ही रहे , इस दिन पूरा देश
इस दिन पूरा देश , न घर से बाहर आए
शाम पाँच हर व्यक्ति , तेज थालियाँ बजाए
कहते रवि कविराय ,फर्ज हम सबका बनता
अभिनंदन शत बार , वीर व्रत सेवी जनता
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 61 5451
[20/3/2020, 2:30 PM] Ravi Prakash: डॉक्टर का आभार (कुंडलिया)
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करना सबको चाहिए ,डॉक्टर का आभार
कोरोना से लड़ रहा , अस्पताल तैयार
अस्पताल तैयार , रात – दिन रहता जागा
रख जोखिम में जान , देखिए भागा भागा
कहते रवि कविराय , शीश चरणों में धरना
डॉक्टर है भगवान , नमन शत वंदन करना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451
[20/3/2020, 11:28 PM] Ravi Prakash: डॉक्टर लोग (कुंडलिया)
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घर से बाहर चल पड़े , केवल डॉक्टर लोग
इनके बूते ही मिटे , जनता के सब रोग
जनता के सब रोग , न घर में पाँव पसारे
यह रहते तल्लीन , रोग तब ही तो हारे
कहते रवि कविराय,वास्तविक यह नर नाहर
अपनी चिंता छोड़ , चल पड़े घर से बाहर
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615 451
[20/3/2020, 11:49 PM] Ravi Prakash: चिकित्सक हैं सेनानी (कुंडलिया)
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सेनानी यह स्वास्थ्य के , वंदन है शत बार
इनके कंधों पर टिका , सेहत का है भार
सेहत का है भार , हमेशा रोग भगाते
सेवाव्रती महान , दाँव पर प्राण लगाते
कहते रवि कविराय , शीर्ष पर समझो दानी
जीवन है संघर्ष , चिकित्सक हैं सेनानी
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[20/3/2020, 11:50 PM] Ravi Prakash: बजे उसके हित ताली (कुंडलिया)
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ताली थाली से करें , सौ – सौ बार प्रणाम
पाँच बजे सब लीजिए , डॉक्टर का शुभ नाम
डॉक्टर का शुभ नाम , देश का सेहत दाता
इनके बिना विराम , रोग पर कब लग पाता
कहते रवि कविराय , व्याधि है जिसने टाली
उस की जय-जयकार ,बजे उसके हित ताली
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[21/3/2020, 10:45 PM] Ravi Prakash: बजाना घर-घर ताली (कुंडलिया)
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थाली चम्मच से बजे , ताली दोनों हाथ
घंटी बजती यों लगे , जैसे प्रभु हों साथ
जैसे प्रभु हों साथ , देश की धड़कन बोले
सेनानी आभार , द्वार कहकर हर खोले
कहते रवि कविराय , बजाना घर-घर ताली
कोरोना से जंग , जीत लेगी यह थाली
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर ((उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[22/3/2020, 8:42 PM] Ravi Prakash: जनता कर्फ्यू (कुंडलिया)
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जनता कर्फ्यू में दिखा ,खाली हामिद गेट
दोपहरी में फिर नहीं , होगी इससे भेंट
होगी इससे .भेंट , घरों में हर नर नारी
सड़कें सूनी आज , रामपुर की हैं सारी
कहते रवि कविराय,ऐतिहासिक दिन बनता
कोरोना से आज , जूझती देखो जनता
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[23/3/2020, 11:19 AM] Ravi Prakash: अफवाहें (कुंडलिया)
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अफवाहें उड़ती रहीं , जागे मूरख लोग
अंधभरोसा जानिए , ज्यों विषाणु का रोग
ज्यों विषाणु का रोग , फोन – बातों से फैला
कोरोना क्या चीज , मूर्खता विष का थैला
कहते रवि कविराय , देश – दुश्मन जो चाहें
विजयी होगा तर्क , रुकेंगी सब अफवाहें
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[23/3/2020, 4:07 PM] Ravi Prakash: लॉकडाउन मत रोएँ (हास्य कुंडलिया)
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सीखें बर्तन माँजना , पाक-शास्त्र का ज्ञान
झाड़ू रोज लगाइए , पोछा है आसान
पोछा है आसान , आप सब कपड़े धोएँ
पति जी यही सलाह , लॉकडाउन मत रोएँ
कहते रवि कविराय , रसोई ही में दीखें
खाली का लें लाभ , काम घर के सब सीखें
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[24/3/2020, 6:08 PM] Ravi Prakash: हर्गिज नहीं मजाक(कुंडलिया)
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कोरोना पर कीजिए , हर्गिज नहीं मजाक
वीर बहादुर मत बनें , नीची करिए नाक
नीची करिए नाक , बैठना घर में सीखें
शासन के निर्देश , मानते केवल दीखें
कहते रवि कविराय , पड़ेगा वरना ढोना
आईसोलेशन वार्ड , काम सेवा – कोरोना
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[24/3/2020, 11:11 PM] Ravi Prakash: इक्किस दिन के बाद (कुंडलिया)
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पूरे इक्किस दिन सुनो , रहना है निर्द्वंद
सारे संशय छोड़कर ,घर के भीतर बंद
घर के भीतर बंद , लॉकडाउन को मानो
इससे होगा अंत , रोग कोरोना जानो
कहते रवि कविराय , दिवस कुछ भले अधूरे
इक्किस दिन के बाद , जिएंगे हम तुम पूरे
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[25/3/2020, 9:58 AM] Ravi Prakash: भागी जनता दौड़कर (कुंडलियाँ)
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भागी जनता दौड़कर , बाजारों की ओर
इक्किस दिन का लग गया,कर्फ्यू था अति घोर
कर्फ्यू था अति घोर , लॉकडाउन था भारी
राशन पानी तेल , दवाओं की तैयारी
कहते रवि कविराय , रखा संयम कब जागी
तोड़ छोड़ एकांत , भीड़ सड़कों पर भागी

भागे तो सोचो बढ़े , कितने जग में रोग
जनता ठहरी नासमझ , समझे कितने लोग
समझे कितने लोग , करें मत मारामारी
सजग प्रशासन तंत्र , देश की है तैयारी
कहते रवि कविराय , आज से जनता जागे
छूने का परहेज , छूत से सरपट भागे
————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[26/3/2020, 8:34 PM] Ravi Prakash: व्रत पूरे इक्कीस( कुंडलिया )
———————————————-
जानो मत क्या हो रहा ,घर के बाहर आज
घर के भीतर जो रहे , उन पर सबको नाज
उन पर सबको नाज , नहीं जो बाहर जाते
घर में ही एकांत , पूर्ण इक्कीस मनाते
कहते रवि कविराय , युद्ध कोरोना मानो
व्रत पूरे इक्कीस , लॉकआउट के जानो
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[27/3/2020, 9:44 AM] Ravi Prakash: सीखो दूध उबालना (कुंडलिया)
———————————————-
सीखो दूध उबालना , बड़े धैर्य का काम
बर्तन से निकले नहीं , तो समझो ईनाम
तो समझो ईनाम , नजर को पैनी रखना
चूका जिसका ध्यान , दंड फिर उसको चखना
कहते रवि कविराय , सजग जीवन में दीखो
रखो आँच पर दूध , उबलता कैसे सीखो
———————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451
[27/3/2020, 3:15 PM] Ravi Prakash: सफेदी हो बालों में (कुंडलियां )
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विनती है नर – नारियों , डाई दो अब छोड़
बाहर कब जाना अभी ,जीवन को दो मोड़
जीवन को दो मोड़़ , सफेदी हो बालों में
रखो न कोई शान , बाल के अब कालों में
कहते रवि कविराय,गिनो इक्किस की गिनती
बचे डाई का खर्च , रहो घर में यह विनती
————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451*
[28/3/2020, 1:11 PM] Ravi Prakash: गृहणी-गृहणा साथ (कुंडलिया)
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घर के कामों में .जुटें , गृहणी गृहणा साथ
झाड़ू गृहणी हो लिए , गृहणा पोछा हाथ
गृहणा पोछा हाथ , दाल लें सीख बनाना
इनको रोटी गोल , लॉकडाउन सिखलाना
कहते रवि कविराय ,बंद अब घर को कर के
सीखें गृहणा काम , सिखाएँ गृहणी घर के
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[28/3/2020, 1:20 PM] Ravi Prakash: लॉकडाउन अच्छाई (कुंडलिया)
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डाई का खर्चा बचा , बचा सिनेमा हॉल
रेस्टोरेंट न जा रहे , जाना छूटा मॉल
जाना छूटा मॉल , प्रेस कपड़ों की कैसी
बाइक का पेट्रोल , भोज की ऐसी तैसी
कहते रवि कविराय ,लॉकडाउन अच्छाई
सिर के बाल सफेद,कौन करता अब डाई
——————————————
रचयिता: रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99 97 61 5451
[28/3/2020, 4:47 PM] Ravi Prakash: बेलन की है मार (कुंडलिया)
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बिन मारे ही पड़ रही , बेलन की है मार
पतिजी के है हाथ में , पत्नी का हथियार
पत्नी का हथियार , बनाते प्रतिदिन खाना
चिमटा चमचा रोज , काम पतिजी के आना
कहते रवि कविराय , लॉकडाउन से हारे
कोरोना का वार , मार करता बिन मारे
———————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[28/3/2020, 4:59 PM] Ravi Prakash: बच्चे अच्छे एक (कुंडलिया)
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कोरोना यह कह रहा , संकट भारी और
जनसंख्या बढ़ती हुई , करिए इस पर गौर
करिए इस पर गौर , सब्सिडी को अब रोको
बच्चे अच्छे एक , दूसरे पर तो टोको
कहते रवि कविराय ,भीड़ हरगिज़ मत ढोना
ले आना कानून , जहाँ निपटे कोरोना
————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451
[28/3/2020, 5:07 PM] Ravi Prakash: रोज ही मनता संडे (कुंडलिया)
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संडे मंडे फर्क क्या , क्या दिन है क्या रात
सुबह उठे ग्यारह बजे ,चाहे उठते सात
चाहे उठते सात , शेव कर लो मत कर लो
दो लीटर में स्नान , बालटी चाहे भर लो
कहते रवि कविराय , काम हैं सबके ठंडे
घर के अंदर बंद , रोज ही मनता संडे
———————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615 451
[29/3/2020, 12:55 PM] Ravi Prakash: पतिदेवों का हाल( कुंडलिया )
————————————
इक्किस दिन चलने लगा , अपनी उल्टी चाल
बुरा शुरू अब हो चला , पतिदेवों का हाल
पतिदेवों का हाल , लगाते देखो पोछा
झाड़ू लेते हाथ , काम था अब तक ओछा
कहते रवि कविराय , बेलते रोटी घिस-घिस
कला शास्त्र अब पाक , सीखने को दिन इक्किस
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
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[31/3/2020, 4:50 PM] Ravi Prakash: जेबकतरे बेचारे (कुंडलिया)
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इक्किस दिन तक क्या करें ,किसकी काटें जेब
कर्फ्यू में यह भी दिखा , कोरोना का ऐब
कोरोना का ऐब , बंद घर में दिन रातें
नहीं सड़क पर भीड़ , पेट पर पड़ती लातें
कहते रवि कविराय , रोटियाँ भेजो गिन-गिन
भूखे यह फनकार , फँसे पूरे इक्किस दिन
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[1/4/2020, 11:39 AM] Ravi Prakash: भीड़ें हैं अभिशाप (कुंडलिया)
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देवी दुर्गा पूजिए , घर में अपने आप
मंदिर में जाएँ नहीं , भीड़ें हैं अभिशाप
भीड़ें हैं अभिशाप , पड़ोसी नहीं बुलाएँ
घर के आप पड़ोस , नहीं बच्चे पहुँचाएँ
कहते रवि कविराय ,बनें सब जन घर-सेवी
रखिए बंद किवाड़ , वायु संग आएँ देवी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
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[1/4/2020, 1:03 PM] Ravi Prakash: इक्किस दिन से फायदा (कुंडलिया)
———————————————–
साफ हवाएँ हो गईं , थमी प्रदूषण चाल
इक्किस दिन से फायदा ,मौसम का शुभ हाल
मौसम का शुभ हाल , नहीं वाहन अब चलते
बंद हुए उद्योग , कहाँ अब जहर उगलते
कहते रवि कविराय , द्वेष से रहित दिशाएँ
मानव में सद्भाव , नेह से साफ हवाएँ
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[2/4/2020, 10:54 AM] Ravi Prakash: __नौकर – चाकर के बिना (कुंडलियाँ)_
——————————————-
(1)
नौकर – चाकर के बिना , रहते साहू – सेठ
घर के अंदर लग रहे , पोछे वाले ठेठ
पोछे वाले ठेठ , लगाना झाड़ू सीखी
माँजो बर्तन सेठ , कह रही पत्नी दीखी
कहते रवि कविराय , करो श्रम घर में खाकर
इक्किस दिन की बात,जियो बिन नौकर- चाकर
(2)
पकड़ें झाड़ू आप भी , पत्नी का आदेश
इस पथ पर ही चल रहा , देखो पूरा देश
देखो पूरा देश , नहीं यह फोटोबाजी
असली घर का काम , कीजिए होकर राजी
कहते रवि कविराय , कर्म में खुद को जकड़ें
इक्किस दिन अविराम , देवपति झाड़ू पकड़ें
(3)
सेठानी जी कह रहीं , झाड़ू भारी काम
पोछे पर है प्रति क्रिया , हाय – हाय हे राम
हाय – हाय हे राम , सेठ जी माँजें बर्तन
कहते हैं यह रोज , टूटता है इससे तन
कहते रवि कविराय , काम की कीमत जानी
श्रम में जुटते सेठ , श्रमिक दिखतीं सेठानी
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[2/4/2020, 11:00 AM] Ravi Prakash: कोरोना के फायदे (हास्य कुंडलिया)
————————————
कोरोना के फायदे , देखो अपरंपार
दुर्घटनाएँ रुक गईं , सड़कों की रफ्तार
सड़कों की रफ्तार , प्रदूषण दोष मिटाया
सुखद वायु चहुँ ओर , फूल पौधा मुस्काया
कहते रवि कविराय , जेब कतरों का रोना
घर में बैठे बंद , लोग डर से कोरोना
————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[3/4/2020, 1:29 PM] Ravi Prakash: लॉकडाउन में (दो हास्य कुंडलियाँ)
———————————————
( 1 )
आधी दाढ़ी बन चुकी , आधी मूँछें साफ
नाई की दूकान पर , हुआ काम था हाफ
हुआ काम था हाफ ,लॉकडाउन था जारी
डंडे लेकर साथ , फोर्स आ पहुँची भारी
कहते रवि कविराय , बात नाई ने साधी
इक्किस दिन के बाद , बनेगी बाकी आधी

( 2 )
सेल्फी कैसे खींचिए , विषय हुआ गंभीर
डाई अब घर में नहीं , बालों की यह पीर
बालों की यह पीर , सफेदी क्यों दिखलाएँ
हुई साठ की आयु , राज कैसे खुलवाएँ
कहते रवि कविराय , बुढ़ापा छाया जैसे
इक्किस दिन का लॉक , खिंचेगी सेल्फी कैसे
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[3/4/2020, 1:34 PM] Ravi Prakash: छूना है अभिशाप (कुंडलिया)
—————————————-
मानव से मानव मरा , छूना है अभिशाप
बंदूकों के बिन चले , मानव मरते आप
मानव मरते आप , अजब बीमारी छाई
पशु पक्षी धन धान्य , मौत इनको कब आई
कहते रवि कविराय , बने मानव दानव – से
वापस लो प्रभु शाप ,आप अब तो मानव से
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[3/4/2020, 11:15 PM] Ravi Prakash: दीप जलाएँ( कुंडलिया )
??????????
दीप जलाएँ देश में , मोबाइल या टार्च
चलें एक सौ तीस हम , जैसे फौजी मार्च
जैसे फौजी मार्च , एकजुट देश कराएँ
रात्रि पाँच अप्रैल , एकता भाव दिखाएँ
कहते रवि कविराय ,नेह भर-भरकर आएँ
बालकनी या द्वार , घरों में दीप जलाएँ
———————————————
_रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा_
_रामपुर (उत्तर प्रदेश)_
मोबाइल 99 97 61 5451
[4/4/2020, 8:04 AM] Ravi Prakash: राजनीति का दौर (कुंडलिया)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कोरोना में भी चला , राजनीति का दौर
वृहद लक्ष्य कुछ और हैं ,छुद्र स्वार्थ कुछ और
छुद्र स्वार्थ कुछ और , न ताली लोग बजाते
दीपक लेकर हाथ , दिवाली नहीं सजाते
कहते रवि कविराय , लोग यह भी हैं ढोना
इनके भी अवरोध , संग में है कोरोना
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451
[4/4/2020, 8:49 AM] Ravi Prakash: शब्दकोशों को खोलो (कुंडलिया)
~~~~~~~~~~~~~~~~|~
सुनते क्वारंटीन को , सुना लॉकडाऊन
कोरोना लो हो गई , शब्दों की बातून
शब्दों की बातून , कहा तबलीगी बोलो
मरकज और जमात , शब्दकोशों को खोलो
कहते रवि कविराय , तीन हफ्ते भर गुनते
नए – नए हालात , शब्द नूतन नित सुनते
———————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[4/4/2020, 11:00 AM] Ravi Prakash: राह रोड़े अटकाते (कुंडलिया)
——————————————-
सत्ता की आलोचना , कुछ का केवल काम
शायद इस ही में छुपा , उनका ओछा नाम
उनका ओछा नाम , आत्मबल सदा घटाते
आगे बढ़ता देश , राह रोड़े अटकाते
कहते रवि कविराय , फेंकते रहते पत्ता
शायद बदले राज , हाथ में आए सत्ता
———————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[4/4/2020, 6:58 PM] Ravi Prakash: युद्ध है निर्धनता से ( कुंडलिया )
~~~~~~~~~~~~~~~~~~
निर्धनता से कीजिए , बढ़ कर दो-दो हाथ
जिनके घर में कुछ नहीं ,चलिए उनके साथ
चलिए उनके साथ , आप राहत पहुँचाएँ
खोजें ऐसे लोग , द्वार तक उनके जाएँ
कहते रवि कविराय , निवेदन है जनता से
कोरोना में खास , युद्ध है निर्धनता से
——————————————– रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451
[8/4/2020, 7:16 AM] Ravi Prakash: लॉकडाउन (दो कुंडलियाँ)
———————————————–
( 1 )
लगता सतयुग आ गया ,शीतल स्वच्छ समीर
बंद हुए उद्योग तो , पावन नदिया नीर
पावन नदिया नीर , सभी का जीवन सादा
मॉल सिनेमा हॉल , छोड़ प्रभु – चिंतन ज्यादा
कहते रवि कविराय , लॉकडाउन क्या ठगता
यह विपत्ति है ठीक , एक उत्सव पर लगता
( 2 )
दो हफ्ते पूरे हुए , इक्किस दिन को आज
घरघुस्सू सब हो गए , नारी पुरुष समाज
नारी पुरुष समाज , पकाना खाना सोना
झाड़ू पोछा रोज , माँज बर्तन सब धोना
कहते रवि कविराय , पुरुष नारी को घूरे
हफ्ता बाकी एक , हुए दो हफ्ते पूरे
———————————————-
_रचयिता : रवि प्रकाश_ , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[12/4/2020, 11:08 AM] Ravi Prakash: बनिए घरघुस्सू सभी (कुंडलिया)
—————————————-
बनिए घरघुस्सू सभी , इसमें ही कल्याण
बाहर लेकर फिर रहा , दुश्मन मारक बाण
दुश्मन मारक वाण , जान का खतरा भारी
हुआ लॉकडाउन , इसी कारण से जारी
कहते रवि कविराय , नहीं अब ज्यादा तनिए
संतोषी सब जीव , देश जनहित में बनिए
———————————————
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[12/4/2020, 12:29 PM] Ravi Prakash: साफ-सफाई से जुड़े (कुंडलिया)
———————————————-
साफ – सफाई से जुड़े ,धन्य धन्य हैं लोग
ईश्वर इनको ना लगे , कोरोना का रोग
कोरोना का रोग ,स्वास्थ्य हम इनका चाहें
इनका काम महान ,श्रेष्ठ है सदा सराहें
कहते रवि कविराय ,आपदा सिर पर छाई
रक्षक अपनी एक , सिर्फ है साफ-सफाई
———————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[12/4/2020, 12:30 PM] Ravi Prakash: हो गए सीधे-सादे (कुंडलिया)
—————————————————
सीधे – सादे दिख रहे , सबके कपड़े रोज
बंद पड़े हफ्तों हुए , मँहगे होटल भोज
मँहगे होटल भोज , नेह से सबका रहना
नहीं किसी से क्लेश , जीव-जग माया कहना
कहते रवि कविराय , रोग – भय सिर पर लादे
जो थे अफलातून , हो गए सीधे – सादे
———————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[20/4/2020, 4:10 PM] Ravi Prakash: तीन कुंडलियाँ
—————————————-
( 1 )
धंधा चौपट हो गया , होटल रेस्टोरेंट
कौन लगाएगा भला , लंबे चौड़े टेंट
लंबे चौड़े टेंट , ब्याह अब बिना बराती
जाएंगे शवदाह , चार बस पोते नाती
कहते रवि कविराय ,कौन देगा अब कंधा
सभी तीन फिट दूर , ऑनलाइन हर धंधा
( 2 )
शादी में मुश्किल हुए , आना रिश्तेदार
अर्थी को कंधा नहीं , मिलते कब जन चार
मिलते कब जन चार ,कथा कीर्तन सब छूटे
बस अतीत की याद , मजे मेलों के लूटे
कहते रवि कविराय , बैंड – बाजा बर्बादी
प्रीतिभोज बेकार , मुफ्त में होगी शादी
( 3 )
शादी तो लो हो गई , लेकिन फँसी बरात
तालाबंदी घोषणा , शादी वाली रात
शादी वाली रात ,बराती खिचड़ी खाते
चालिस दिन का दौर , पेट भूखे पछताते
कहते रवि कविराय ,करा दो यही मुनादी
अच्छी नहीं बरात , लॉकडाउन में शादी
———————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[21/4/2020, 11:32 AM] Ravi Prakash: बाल अभागे (कुंडलिया)
——————————————
बाल अभागे रो रहे , कैसे लगे लगाम
बढ़ते देखो रोज ही , बढ़ना इनका काम
बढ़ना इनका काम , एक दिन वह आएगा
लड़का लड़की कौन ,खाक जाना जाएगा
कहते रवि कविराय , लॉकडाउन से जागे
कपड़े पहने ठीक , रीछ – से बाल अभागे
————————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[21/4/2020, 3:45 PM] Ravi Prakash: बर्तन माँजे (कुंडलिया)
—————————
बर्तन माँजे तो किया , क्या कोई अहसान
दिखा रहे हैं वीडियो , जैसे कार्य महान
जैसे कार्य महान , रोज का झाड़ू पोछा
नहीं समझता देश ,आमजन इसको ओछा
कहते रवि कविराय , सेठ लोगों का नर्तन
वाह – वाह क्या बात , देख लो मँजते बर्तन
———————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[23/4/2020, 10:22 AM] Ravi Prakash: तीजा दसवाँ सतरही (कुंडलिया)
——————————————–
तीजा दसवाँ सतरही ,बीते युग की बात
शवयात्रा शमशानघर ,मिले न आदम जात
मिले न आदम जात ,कौन किसको रोएगा
मुख पर बाँधे मास्क , कौन अर्थी ढोएगा
कहते रवि कविराय ,न यम का हृदय पसीजा
तीन-तीन फिट दूर , शोक क्या कैसा तीजा
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[23/4/2020, 1:08 PM] Ravi Prakash: दावत (कुंडलिया)
~~~~~~~~~~~~~~~~
दावत के दिन लद गए ,जुड़ना रिश्तेदार
नहीं निमंत्रण पत्र अब ,बँटना एक हजार
बँटना एक हजार , भीड़ का रेलमपेला
नहीं जुड़ेंगे मित्र , नहीं होगा अब मेला
कहते रवि कविराय ,कहेंगे लोग कहावत
कोरोना से पूर्व , एक होती थी दावत
———————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
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[28/4/2020, 1:00 PM] Ravi Prakash: धन्य सेवा सरकारी (कुंडलिया)
————————————————
सरकारी का कीजिए ,अभिनंदन शत बार
इसके बल पर जी रहे ,अंदर घर के द्वार
अंदर घर के द्वार , सिपाही गश्त लगाते
घर – घर में सामान ,प्रशासक गण पहुँचाते
कहते रवि कविराय ,सफाई स्वास्थ्य प्रभारी
शिक्षा मुफ्त प्रणाम , धन्य सेवा सरकारी
—————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[29/4/2020, 8:58 AM] Ravi Prakash: सब दिन अब हैं एक से (कुंडलिया)
————————————————
रखना मुश्किल हो गया ,याद आज का वार
सब दिन अब हैं एक से , करिए जरा विचार
करिए जरा विचार , नहीं दफ्तर को जाना
खुलती नहीं दुकान ,रोज खाना सो जाना
कहते रवि कविराय ,लॉकडाउन को चखना
मुश्किल है अब बात ,ठीक दुनिया प्रभु रखना
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[30/4/2020, 2:33 PM] Ravi Prakash: दो ताजा कुंडलियाँ
—————————————-
शादी
—————————————–
शादी का वह युग गया ,बाजा बैंड बरात
सड़कों पर थे नाचते ,आधी – आधी रात
आधी – आधी रात , दावतें खाते भारी
खर्चे का वह दौर ,दीखना मुश्किल जारी
कहते रवि कविराय , भीड़ में है बर्बादी
नहीं जुड़ेंगे लोग , पाँच में होगी शादी
———————————————–
नाई
———————————————-
नाई खुद बन जाइए ,घर में काटें बाल
विपदा में सीखें कला ,कोरोना का काल
कोरोना का काल ,बाल के रुपै बचाएँ
बचे संक्रमण रोग ,न घर से बाहर जाएँ
कहते रवि कविराय ,युक्ति सबने यह पाई
पति के काटें बाल ,पत्नियाँ बनकर नाई
———————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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