23/41.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/41.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷सोच सुघ्घर जिनगी सुघ्घर 🌷
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सोच सुघ्घर जिनगी सुघ्घर ।
होथे सब दुनिया सुघ्घर ।।
हिरदे मा रख अपन मया।
महके ये बगियां सुघ्घर ।।
राखे चिंहारी इहां ।
बन जाबे संगी सुघ्घर ।।
सपना कर साकार तैं ।
बोहाथे नदियाँ सुघ्घर ।।
रो झन खेदू हाँस ले।
पी पानी पसिया सुघ्घर ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
20-10-2023शुक्रवार