23/216. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
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23/216. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 झन काटव जंगल झाड़ी ला🌷
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झन काटव जंगल झाड़ी ला।
साफ करव कचरा काड़ी ला।।
दुनिया महकाथे सुघ्घर इहां।
खीचत जिनगी के गाड़ी ला।।
कोन अपन कोन पराय हवे।
टमरत जान जथे नाड़ी ला।।
खेती अपने सेती संगी।
रख जतन बियारा भाड़ी ला।।
मन के पीरा जानय खेदू।
पीके देख इहां ताड़ी ला।।
………✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-12-2023शुक्रवार