23/176.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/176.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 चोरहा देख साव होगे🌷
212 212 122
चोरहा देख साव होगे।
बस इहां खांव खांव होगे।।
कोन हे मीत अब मिलय ना।
कइसने भाव ताव होगे।।
कोइली सुघ्घर बोलय नहीं ।
का मया कांव कांव होगे।।
अपन पीर अपनेच होथे ।
कइसन मन अलगाव होगे।।
जग बने आज दुश्मन खेदू ।
संग संगी अभाव होगे ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
05-12-2023 मंगलवार