23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/47c38d19e8d0aa4d933e0dbf51f81f44_cb0b55f340f170f1603a2b1ee3df74aa_600.jpg)
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 रोवत रथे दुनिया कभू🌷
2212 2212
रोवत रथे दुनिया कभू ।
हाँसत रथे दुनिया कभू।।
कलपत कथे हिरदे इहां ।
साहत रथे दुनिया कभू।।
सब निरदई समझे नहीं ।
भरमत रथे दुनिया कभू।।
कुछु कोन का कब कर दिही ।
सोवत रथे दुनिया कभू।।
करते बिकट खेदू मया।
मांगत रथे दुनिया कभू ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
24-11-2023शुक्रवार