23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/157.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 सब सुवारथ के साथी हवे🌷
212 22 2212
सब सुवारथ के साथी हवे।
बस पहार इहां घाटी हवे।।
आज ये जिनगी नाचा गम्मत।
मसखरा टूरा नाती हवे।।
जानबे जेला अपनेच हे ।
अपन बर सोना माटी हवे।।
खेलबे काला जुग बदलगे।
अब कहाँ भौरा बांटी हवे।।
ले मया मिलथे खेदू जिहां ।
बार ले दीया बाती हवे।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-11-2023बुधवार