23/155.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/155.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 मोर संग तर जाबे🌷
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मोर संग तर जाबे ।
नाम अपन कर जाबे।।
हांसही इहां दुनिया।
धाम अपन कर जाबे ।।
बाढ़थे मया हा संगी ।
काम अपन कर जाबे।।
पाट खोचका डबरा ।
मान अपन कर जाबे ।।
महकही चमन खेदू।
सबर अपन कर जाबे।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-11-2023बुधवार