23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
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23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 बेरा हर ढ़र जाही🌷
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बेरा हर ढ़र जाही ।
जीयइया मर जाही ।।
जिनगी के संग इहां ।
सब रंग बिखर जाही ।।
कांटा खूंटी चातर ।
अंजोर बगर जाही ।।
लाहो झन लेबे तै ।
मन सुघ्घर निखर जाही ।।
काम बुता कर खेदू ।
दुनिया संवर जाही ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-11-2023बुधवार