23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
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23/137.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 करतब अपन भुलाबे झन🌷
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करतब अपन भुलाबे झन ।
तोहमत कुछु लगाबे झन ।।
बदल जही ये जिनगी हर।
गइरी रोज मताबे झन ।।
बिकट हवे मोरेच मया ।
जादा तै बगराबे झन ।।
दुनिया तोर सुघ्घर बनही ।
लाहो करत बढ़ाबे झन ।।
मीठ रथे धीरज खेदू।
देखत मुंह लुकाबे झन ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
13-11-2023सोमवार