23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 अपन बना डर मोला🌷
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अपन बना डर मोला।
बिकट मया हे तोला।।
रास रचा ले संगी ।
तार जही ये चोला।।
अंतस के पीरा का।
फूट जही बम गोला।।
घाम पियास नईये।
झांझ अउ इहां झोला ।।
सोचे समझे खेदू ।
दुनिया जानय भोला ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-10-2023मंगलवार