23/109.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/109.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 बोली बचन नीक लागे🌷
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बोली बचन नीक लागे ।
जिनगी सजन नीक लागे ।।
कमिया रोज काम करथे।
दुनिया मगन नीक लागे ।।
करमा ददरिया सुनाथे ।
महकत चमन नीक लागे ।।
दीवाना हवे मया मा।
करत अरपन नीक लागे ।।
मन के समझ पीर खेदू ।
सत के दरपन नीक लागे ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-10-2023मंगलवार