2293.पूर्णिका
2293.पूर्णिका
🌹दुनिया सिखा देती सब कुछ 🌹
2212 22 22
दुनिया सिखा देती सब कुछ ।
जनता बता देती सब कुछ ।।
जीना यहाँ संभल संभल ।
मंशा जता देती सब कुछ ।।
काँटे खिले फूल न समझे ।
परदा हटा देती सब कुछ ।।
मीठी जुबां में कहर यहाँ ।
जंग दर्शा देती सब कुछ ।।
नफरत न हो दिल में खेदू ।
प्रीत बना देती सब कुछ ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
8-5-2023सोमवार