Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

(21) “ऐ सहरा के कैक्टस ! *

ऐ सहरा के कैक्टस !
कैसे हो सकते हो तुम “अमीत” ?
मैं भी तो हूँ इस सहरा में तुम्हारे साथ |
न तुम तनहा हो , न मैं अमित्र |
जो काँटा चुभाया है ,तुमने
क्या नहीं था वह
मित्रता के बढे हाथ का प्रतीक ?

तुम्हारी प्यास अधूरी है !
किन्तु इस अपार रेत-राशि के नीचे दबे जल- बिंदु
तुम्हारे जीवन को बनाए रखने के लिए ,
धरती के सबसे सुन्दर पुष्प तुममे खिलाने के लिए
दे रहे हैं तुम्हें सतत अपना जीवन-दान
क्या इस स्नेह से अधिक भी है कुछ वांछनीय ?

देखो तो मेरी ओर
जिसके प्यासे तड़पते होठों को
नहीं मिल सका जल का एक बिंदु
हर क्षण बढती यह प्यास
ले जायेगी जीवन के उस पार
नहीं जानता- क्या वहां भी होगी बस
प्यास ही प्यास
किन्तु बुझती आँखों में उस क्षण
रहेगा कृतज्ञता-भाव का एक जल बिंदु !
कृतज्ञता इस कांटे के रूप में
बढे हुए तुम्हारे
मैत्री के हाथ के प्रति ।

खारा ही सही , वह जल बिंदु ,
किन्तु आशा है बढ़ा देगा
तुम्हारे जीवन की डोर को
कम से कम एक क्षण और |
ऐ इस सहरा के मेरे मीत
सार्थक हो जायेगी हमारी प्रीत ।”

स्वरचित एवं मौलिक
रचयिता : (सत्य ) किशोर निगम

* कैक्टस =नागफनी

Language: Hindi
277 Views
Books from Kishore Nigam
View all

You may also like these posts

आग जो रूह को जलाती है...
आग जो रूह को जलाती है...
पंकज परिंदा
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
'प्रेमिकाएं' चाहती रही.. 'अर्धांगिनी' कहलाने का हक
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
सुंदरता
सुंदरता
Neerja Sharma
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
Sandeep Thakur
हमारी शान है हिन्दी,   हमारा मान है हिन्दी।
हमारी शान है हिन्दी, हमारा मान है हिन्दी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
क्या क्या बताए कितने सितम किए तुमने
Kumar lalit
गुजरे ज़माने वाले।
गुजरे ज़माने वाले।
Taj Mohammad
मेरा कमरा जानता है
मेरा कमरा जानता है
Shakuntla Shaku
उम्र के पन्नों पर....
उम्र के पन्नों पर....
sushil sarna
बचपन जी लेने दो
बचपन जी लेने दो
Dr.Pratibha Prakash
* आए राम हैं *
* आए राम हैं *
surenderpal vaidya
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चल चित्र का संसार
चल चित्र का संसार
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हमारी संस्कृति
हमारी संस्कृति
indu parashar
ऋषि अष्टावक्र
ऋषि अष्टावक्र
Indu Singh
*नासमझ*
*नासमझ*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अपने होने का
अपने होने का
Dr fauzia Naseem shad
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
आजकल कल मेरा दिल मेरे बस में नही
कृष्णकांत गुर्जर
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
#चलते_चलते
#चलते_चलते
*प्रणय*
कभी कभी सच्चाई भी भ्रम सी लगती हैं
कभी कभी सच्चाई भी भ्रम सी लगती हैं
ruby kumari
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
Kanchan Khanna
" ढूँढ़ो दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यारी सुबह
प्यारी सुबह
Santosh kumar Miri
दोहे
दोहे
Rambali Mishra
आंखों में भरी यादें है
आंखों में भरी यादें है
Rekha khichi
-संयुक्त परिवार अब कही रहा नही -
-संयुक्त परिवार अब कही रहा नही -
bharat gehlot
ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नवरात्रि
नवरात्रि
पूर्वार्थ
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...