#रुबाइयाँ
मज़बूत करो ख़ुद को ख़ुद ही , आसान सफ़र फिर होगा।
और भरोसे चलने से तो , गिरने का ही डर होगा।
विश्वास बढ़ाओ तुम मन का , जीत तुम्हारी निश्चित है;
ख़ुद के बल हासिल जो भी हो , सुंदर वो मंजर होगा।।
करो काम वो जिसमें रुचि हो , कुशल उसी में हो पाओ।
देख कभी भी तुम औरों को , मन अपना मत ललचाओ।।
सूर्य रोशनी चाँद चाँदनी , अलग हुनर सबके होते;
सोच यही तुम लेकर दिल में , नित उड़ान भरते जाओ।।
#आर.एस.’प्रीतम’