19)”माघी त्योहार”
रोशन हो रहा प्रकाश, माघ महीने का खुमार,
मिठास संग तिल गुड़ का मिल रहा स्वाद,
मकर संक्रांति का आया यह त्योहार।
रंगों की आई बहार,पतंग बनी मोर,
नाच रही आसमान की ओर,
बच्चा,जवान,बज़ुर्ग का दिख रहा उत्साह,चारों छोर।
कृषकों को हो रहा आग़ाज़,
प्रांत प्रांत उत्साह का दिखता विकास,
उत्तरायण से जग रहा विश्वास,
चहूँ ओर ठंडक का हो रहा एहसास,
जैसे..
हरी भरी फसल में खिल रहा,जीवन बारम्बार।
नई फ़सल,नई आशा, नया साल,उम्मीद के साथ,
बढ़ते दिनों का हो रहा अहसास।
ठंड के मौसम में, गरमाहट का मीठा मीठा आभास,
लोहरी,पोंगल,और खिचड़ी के साथ,
मकर संक्रांति का आया यह त्योहार।
लोकगीतों संग ढोलक की बज रही तान,
गन्ने की आई बहार, तिल कूट बन कर हुआ तैयार।
हर्ष और उल्लास से भरपूर,पावन और पवित्र,
मकर संक्राति का आया यह त्योहार।।
“माघ महीने का खुमार, विभिन्न राज्यों ने मनाया नया साल”
✍🏻स्व-रचित/मौलिक
सपना अरोरा ।