Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Feb 2024 · 1 min read

19)”माघी त्योहार”

रोशन हो रहा प्रकाश, माघ महीने का खुमार,
मिठास संग तिल गुड़ का मिल रहा स्वाद,
मकर संक्रांति का आया यह त्योहार।

रंगों की आई बहार,पतंग बनी मोर,
नाच रही आसमान की ओर,
बच्चा,जवान,बज़ुर्ग का दिख रहा उत्साह,चारों छोर।

कृषकों को हो रहा आग़ाज़,
प्रांत प्रांत उत्साह का दिखता विकास,
उत्तरायण से जग रहा विश्वास,
चहूँ ओर ठंडक का हो रहा एहसास,
जैसे..
हरी भरी फसल में खिल रहा,जीवन बारम्बार।

नई फ़सल,नई आशा, नया साल,उम्मीद के साथ,
बढ़ते दिनों का हो रहा अहसास।
ठंड के मौसम में, गरमाहट का मीठा मीठा आभास,
लोहरी,पोंगल,और खिचड़ी के साथ,
मकर संक्रांति का आया यह त्योहार।

लोकगीतों संग ढोलक की बज रही तान,
गन्ने की आई बहार, तिल कूट बन कर हुआ तैयार।
हर्ष और उल्लास से भरपूर,पावन और पवित्र,
मकर संक्राति का आया यह त्योहार।।

“माघ महीने का खुमार, विभिन्न राज्यों ने मनाया नया साल”

✍🏻स्व-रचित/मौलिक
सपना अरोरा ।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 135 Views
Books from Sapna Arora
View all

You may also like these posts

"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन को आसानी से जीना है तो
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
सावन का मेला
सावन का मेला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
लोकतन्त्र के मंदिर की तामीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
कहते हैं सब प्रेम में, पक्का होता आन।
कहते हैं सब प्रेम में, पक्का होता आन।
आर.एस. 'प्रीतम'
कौन हूँ मैं ?
कौन हूँ मैं ?
पूनम झा 'प्रथमा'
वेदना
वेदना
"एकांत "उमेश*
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
Er.Navaneet R Shandily
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
*ख़ुशी की बछिया* ( 15 of 25 )
Kshma Urmila
😢कड़वा सच😢
😢कड़वा सच😢
*प्रणय*
*माता (कुंडलिया)*
*माता (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*भला कैसा ये दौर है*
*भला कैसा ये दौर है*
sudhir kumar
बच्चों की ख्वाहिश
बच्चों की ख्वाहिश
Sudhir srivastava
करवा चौथ
करवा चौथ
Shashi Dhar Kumar
दिल
दिल
हिमांशु Kulshrestha
HAPPINESS!
HAPPINESS!
R. H. SRIDEVI
तुम्हारा आना
तुम्हारा आना
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
4433.*पूर्णिका*
4433.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
The Rising Sun
The Rising Sun
Buddha Prakash
*खुद की खोज*
*खुद की खोज*
Shashank Mishra
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
पूर्वार्थ
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)
वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)
Dushyant Kumar
दोस्ती की हद
दोस्ती की हद
मधुसूदन गौतम
छोटी - छोटी खुशियों को हम
छोटी - छोटी खुशियों को हम
Meera Thakur
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
हमारा गुनाह सिर्फ यही है
gurudeenverma198
बहुत कुछ सीखना ,
बहुत कुछ सीखना ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
जाती हुई सर्दियां
जाती हुई सर्दियां
aestheticwednessday
Loading...