Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

16. वो सपने पुरे हो न पाये

सपने जो देखे थे हमने
मिलकर कभी जो,
वो सपने पुरे हो न पाये ।

कभी सपनों को पुरे करने के लिये,
आँखों में चमक
और दिल हर्षित रहता था ।

आज होठों पर उदासी,
और मन मुर्झित रहता है ।

आप सोच रहे होंगे,
क्या है कारण ।
जवाब मिलेगा आपको कभी न कभी,
जब अपनों से अपनों का साथ नहीं मिलता है ।।
इसीलिए किसी भी चीज का अच्छा शुरुआत नहीं होता है ।।

कवि :– मन मोहन कृष्णा
तारीख :– 20/12/2018
समय :– 08 : 28 ( रात्रि )

Language: Hindi
105 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)*
*बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)*
Ravi Prakash
कवि के हृदय के उद्गार
कवि के हृदय के उद्गार
Anamika Tiwari 'annpurna '
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
शीशे को इतना भी कमजोर समझने की भूल मत करना,
शीशे को इतना भी कमजोर समझने की भूल मत करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
अच्छा बोलने से अगर अच्छा होता,
Manoj Mahato
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
जन्मजात जो है गरीब तो क्या?
जन्मजात जो है गरीब तो क्या?
Sanjay ' शून्य'
जंगल, जल और ज़मीन
जंगल, जल और ज़मीन
Shekhar Chandra Mitra
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
बचा लो तिरंगा
बचा लो तिरंगा
Dr.Pratibha Prakash
रौनक़े कम नहीं हैं दुनिया में ,
रौनक़े कम नहीं हैं दुनिया में ,
Dr fauzia Naseem shad
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
जीवन में जब तक रहें, साँसें अपनी चार।
Suryakant Dwivedi
सदा दे रहे
सदा दे रहे
अंसार एटवी
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
अब तो गिरगिट का भी टूट गया
Paras Nath Jha
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
Basant Bhagawan Roy
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
आज के बच्चों की बदलती दुनिया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3773.💐 *पूर्णिका* 💐
3773.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" लिखना "
Dr. Kishan tandon kranti
जाने क्यूं मुझ पर से
जाने क्यूं मुझ पर से
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
मां तेरे आंचल से बढ़कर कोई मुझे न दांव रहता है।
Rj Anand Prajapati
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
किसी को जिंदगी लिखने में स्याही ना लगी
कवि दीपक बवेजा
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
Vaishaligoel
Loading...