16. वो सपने पुरे हो न पाये
सपने जो देखे थे हमने
मिलकर कभी जो,
वो सपने पुरे हो न पाये ।
कभी सपनों को पुरे करने के लिये,
आँखों में चमक
और दिल हर्षित रहता था ।
आज होठों पर उदासी,
और मन मुर्झित रहता है ।
आप सोच रहे होंगे,
क्या है कारण ।
जवाब मिलेगा आपको कभी न कभी,
जब अपनों से अपनों का साथ नहीं मिलता है ।।
इसीलिए किसी भी चीज का अच्छा शुरुआत नहीं होता है ।।
कवि :– मन मोहन कृष्णा
तारीख :– 20/12/2018
समय :– 08 : 28 ( रात्रि )