…
चमन लूट ले बगवां ही अगर
तो गैरों पे अंगुली उठायेंगे क्या ,
जिन्हें रौशनी चाहिए ही नहीं
दीया अपने घर में जलायेंगे क्या ,
जिन्हें आदमी से मोहब्बत नहीं
वो दिल में किसी को बसायेंगे क्या,
जो हार बैठे हैं खुद से ही खुद में
भला वो हमें आजमायेंगे क्या ,,