(15) पिता की मुस्कान हूं
मै इस दुनिया में आई एक नन्ही सी जान हूं,
मत समझना मुझे अकेला मै अपने,
पिता के होंठो को मुस्कान हूं।
हूं मैं छोटी सी पर मैंने अपने,
पिता की आंखो से दुनिया देखी है।
मत देखना मेरी तरफ़ बेहूदा नजरों से,
क्योंकि मैं अपने पापा का आत्मसम्मान हूं।
हर पल मेरे पिता मेरे साथ है,
खुशी हो या गम वो मेरे लिए साज है।
नाज़ है मुझे उन पर क्योंकि वो मेरी,
हर उड़ान में मेरे साथ है।