12- वर्षा
वर्षा
वर्षा की सम्भावना जब चिड़िया नहाती रेत में।
धान की रोपाई होती पानी भरे खेत में ।।
घटा घनघोर छाया अंधियारा है।
वायु पुरवाई चली मौसम बड़ा प्यारा है।।
फूलों पर तितली बैठी बगिया में नाचे मोर।
बिजली तड़क रही बादल मचायें शोर ।।
सरिता में पानी बढ़ा दूर अब किनारा है।
नदिया में नाव चले केवट का सहारा है।।
भीनी-भीनी वायू के ठण्डे-ठण्डे झौंके ।
मोर नृत्य कर रहे मदमस्त होके ।।
आमों के बाग में आम लगे हरे पीले।
जामुन के वृक्ष पर जामुन लगे काले-नीले ।।
पेड़ो पर झूला डाल नारियाँ जब झूलतीं ।
सोलह श्रृंगार कर फूले नहीं फूलतीं।।
बच्चे करें क्रीड़ा रहें झूलने की आस में।
मौसम ने अंगड़ाई ली हर कोई उल्लास में ।।
तितलियाँ उड़ रहीं फूलों के पास में।
सुन्दर लाल तीजों बैठी हरी-हरी घास में।।
“दयानंद”