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6 Dec 2019 · 1 min read

1110 स्त्री पुरुष

स्त्री पुरुष के संगम से,
बनता यह संसार।
जब तक तार जुड़े नहीं,
बाजे नहीं सितार।

पावन रूप यह हो जाता,
जब मन में होता प्यार।
प्रेमभाव से पूर्ण हो,
चलता यह संसार।

जग में तो भगवान भी,
स्त्री बिना अधूरे हैं ।
बिन स्त्री (शक्ति) के उनके,
कहाँ काम हुए पूरे हैं।

जहांँ प्रेम का अभाव हो,
स्त्री पुरुष मत में एक नहीं।
वह जगह फिर फलती नहीं,
रहता सदा विकार।

आओ प्रेम से पूर्ण करें,
जग में अपने काम।
पूर्णता को प्राप्त कर,
जग से करें प्रस्थान।

Language: Hindi
6 Likes · 3 Comments · 292 Views
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