1108 अपना पैमाना खुद बन
तू निम्न है या उत्तम यह कोई और तय नहीं करेगा।
तुझे अपना पैमाना खुद ही बनना होगा।
कोई और , जिसमें तेरे जैसी गुणवत्ता नहीं,
कैसे नापेगा तुझे अपने पैमाने से।
दूसरों के नाप देने से तू परेशान ना होना।
कोई ऊँचा नीचा नहीं होता,किसी के कह भर जाने से।
तेरे गुण तू ही जानता है , दूसरा कोई नहीं।
गुण अवगुण नहीं बन जाता ,दूसरों के आंके जाने से।
जिसमें जो गुण है नहीं,वह कैसे जाने तेरी कला।
उस ऊंचाई पर पहले वह पहुंचे,फिर होगा फैसला।
तू दिल छोटा मत करना ,औरों के कहने पे।
तुझे खुद को ही नापना होगा अपने पैमाने से।