11) मगर तुम नहीं आते…
याद आती है तुम्हारी,
मगर तुम नहीं आते।
डस जाती है तन्हाई,
मगर तुम नहीं आते।
भर आती हैं आँखें,
मगर तुम नहीं आते।
तड़प उठता है दिल,
मगर तुम नहीं आते।
तरस जाती हैं निगाहें,
मगर तुम नहीं आते।
छू जाती है जिस्म तुम्हारी याद की महक,
मगर तुम नहीं आते।
याद आता है लम्स तुम्हारा,
मगर तुम नहीं आते।
सदा देता है दिल तुम्हें,
मगर तुम नहीं आते।
आती है याद हर बात तुम्हारी,
मगर तुम नहीं आते।
शरारत भरी निगाह तुम्हारी याद आती है,
मगर तुम नहीं आते।
तुम्हारे पास बैठने को जी चाहता है,
मगर तुम नहीं आते।
क्यूँ नहीं आते तुम,
बताओ क्यूँ नहीं आते तुम,
क्यूँ नहीं आते।
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नेहा शर्मा ‘नेह’