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11 Feb 2022 · 1 min read

11फरवरी यानी ‘प्रॉमिस डे

11फरवरी यानी ‘प्रॉमिस डे’ पर मेरी विशेष कविता
कितनी ही कसमें खा लो,
कितने ही संग जीने-मरने के वादे कर लो,
पर सच तो यही है कि
कहीं इंसान का भरोसा नहीं,
तो कहीं ऊपर वाले की मर्ज़ी का भरोसा नहीं,
पर कोई है …जो है मेरे जैसा, हरदम है मेरे साथ में!
जिसका साथ भी है सिर्फ मेरे हाथ में!!
तो आज एक वादा मैं उससे करना चाहूं,
जिसने मुझे हमेशा समझा, जिसे बेधड़क मैं चाहूं,
जिसने मैं जो हूं मुझे वैसे चाहा,
मेरे हर रूप हर भाव को सराहा,
जिसने कभी ना मुझे जज किया,
दिया तो बस मेरा साथ दिया,
जो खुद मुंहफट और बेबाक है,
जिससे ज़रा ना मुझे डर है,
बिन सोचे समझे मैं सब कुछ कहूं,
वो बस मुझे सुनने को बेसबर है,
जिसने हर अच्छे बुरे दौर में साथ निभाया है,
और सदा निभाएगी,
जिसकी दुनिया ही मैं हूं,
जो बस मेरी सदा कहलायेगी,
वो है कलम ‘मेरी कलम’ !
तो ऐ मेरी कलम, आज एक वादा मैं तुझसे करती हूं-
अपनी गलतियां सुधारूंगी,
तेरे लिए खुद को संवारूंगी,
‘शुरू से अंतिम’ हर एहसास तक,
आखिरी सांस तक,
तेरा साथ निभाऊंगी!
जाने से पहले और जाने के बाद भी,
तुझे गर्व महसूस कराऊंगी!!
दीपाली कालरा

Language: Hindi
1 Like · 256 Views
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