1070 रहते हो दिल के पास
दूर हो तुम, फिर भी दूर नहीं।
रहते हो सदा दिल के पास कहीं।
जब चाहूँ मैं तुमसे बातें होती हैं।
होता दूरी का एहसास नहीं।
आँख बंद हो तो ,सूरत तेरी नजर आए।
हाथ रखूँ दिल पर तो तू मुझे बतलाए।
हाल तेरे दिल का वहाँ क्या है।
बातें करते होता ,कोई दरमियान नहीं।
कौन हैं वह जो, विरह में रहते हैं।
क्यों वह जुदाई का गम सहते हैं।
चाहने वाले तो कभी दूर नहीं होते।
वह तो रहते हैं आस-पास कहीं।