10. अच्छी लगती है।
दिल से दिल की लगी अच्छी लगती है।
कुछ बातें तो अनकही अच्छी लगती है।।
सर के साथ जो जाये दिल भी सजदे में।
ख़ुदा की तो ऐसी बंदगी अच्छी लगती है।।
हर आदमी ख़ुद से इंसान बन जाये अगर।
तो जीने में ये ज़िंदगी बड़ीअच्छी लगती है।।
फ़ैशन को फ़ैशन से मारने वाले फ़ैशन में।
यारों! ख़ुद की तो सादगी अच्छी लगती है।।
ज़रूरी नहीं मुहब्बत का सिला मीठा ही हो।
बात बात पे नाराज़गी भी अच्छी लगती है।।
तेरी यादों की बारात में मुब्तला हूँ इस क़दर।
अब आँखों की रतजगी भी अच्छी लगती है।।
मो• एहतेशाम अहमद,
अण्डाल, पश्चिम बंगाल, इंडिया