( 1 ) ये वादे हैं नेता के
पांच साल बाद आता है नेताओं का त्यौहार,
वो खुश होते हैं और जनता पहनाती है उन्हें हार।
सबसे पहले वादा किया करूंगा,
देश की सेवा तन मन धन से,
समय आया तो उस बात को ,
भुला दिया दिल से।
दूसरा वादा किया करूंगा देश की गरीबी दूर,
समय से पहले ही दिखा दिया अपना शैतानी रूप।
भाषण देना था जो जनता को,
उसे किया पूरी रात बैठ कर याद,
फिर उसने की जनता के सामने,
वोटों के लिए फरियाद।
आ गई जनता उसके झांसे में,
ओर वोट डाल दिए उसके तासे में।
जीत गया वह फिर बन बैठा सबका भगवान,
फिर तोड़ा धीरे धीरे जनता का अभिमान।
वोट दो ऐसे भगवान को,
जो पहले जैसा बना दे भारत महान को।
करती हूं मैं आप सब से यहीं अरदास,
कि वोट को न बचें,
मत दोहराए पीछले पांच वर्ष वाला इतिहा
स्वयं रचित
Shutisha Rajput